उत्तर प्रदेश राज्य के बाँदा जिला से खेम सिंह ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि सहेवा ग्राम के लोग मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। स्थानीय मजदूर साथी ने बताया कि लोगों ने कोरोना का दोनों टीका लगवा लिया है।लेकिन मास्क का इस्तेमाल नही करते हैं दिक्कत होती है।
उत्तरप्रदेश राज्य के बाँदा ज़िला से संवाददाता खेम सिंह को श्रमिक वाणी के माध्यम से ग्राम पारा के एक श्रमिक ने बताया कि उन्होंने कोरोना टीका का दोनों डोज़ ले लिया ,इसी लेने में कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं हुई। ये मास्क का प्रयोग नहीं करते है और न ही साबुन से बार बार हाथों की सफ़ाई नहीं करते है। क्योंकि इनका मानना है कि टीका लगाने के बाद अब ये सुरक्षित है
उत्तर प्रदेश राज्य के बाँदा जिला से खेम सिंह ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि इन्होने एक मजदूर साथी से बात किया। मजदूर साथी ने बताया कि उन्होंने कोरोना का दोनों टीका लगवा लिया है।टीका लगवाने पर कोई दिक्कत नहीं हुई। ये मास्क का उपयोग नही करते हैं,क्योंकि मास्क लगाने से इनको दिक्कत होती है
ग्राम पारा के एक श्रमिक डर से कोरोना का टीका नहीं लगवा रहे है। उनका कहना है कि टीका लगवाने से जान का ख़तरा है। साथ ही कोरोना नियमों का भी पालन नहीं कर रहे है
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उत्तरप्रदेश राज्य के बाँदा ज़िला से खेम सिंह ,श्रमिक वाणी के माध्यम से बताते है कि बहुत लोग मास्क इस कारण नहीं पहनते कि उन्हें साँस लेने में समस्या होती है ,लेकिन हमारे लिए मास्क पहनना बहुत ज़रूरी है ,साथ ही सैनिटाइज़र का उपयोग करना भी ज़रूरी है। टीका लगवाने के बाद लोग लापरवाह हो गए है
उत्तर प्रदेश राज्य के बांदा से खेम सिंह श्रमिक वाणी के माध्यम से, गाना प्रस्तुत कर रहें हैं। इस गाना के बोल हैं- मैं नज़र से पी रहा हूँ
उत्तरप्रदेश राज्य के बाँदा ज़िला से खेम सिंह ,श्रमिक वाणी के माध्यम से बताते है कि एक श्रमिक कोरोना टीका का दोनों डोज़ ले चुके है। साथ ही वो मास्क का प्रयोग करते है और सफ़ाई का पूरा ध्यान रखते है
उत्तर प्रदेश राज्य के बाँदा जिला से खेम सिंह ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि इन्होने अपने गाँव में एक मजदूर साथी से बात किया। मजदूर साथी ने बताया कि उन्होंने कोरोना का दोनों टीका लगवा लिया है।टीका लगवाने पर कोई दिक्कत नहीं हुई।
उत्तर प्रदेश राज्य के बाँदा जिला से खेम सिंह ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि इनके गाँव में पाईपलाइन की टंकी बन रही है। वहाँ काम कर रहे किसी भी मजदूर साथी ने मास्क नही लगाया हुआ था। उनमे से कुछ लोगों ने मुँह पर रुमाल बांधा हुआ था। साथ ही वो ना कोरोना नियमों का पालन कर रहे थे और ना ही सफाई का ध्यान ही रख रहे थे