चीन की सेना और भारतीय सेना अपने रणक्षेत्र से ढाई-ढाई किलोमीटर पीछे हटीं। इसका कारण आप जानते हैं, क्या है! सबसे बड़ी बात- जो चीन के नागरिक अपनी सेना में भर्ती होना नहीं चाहते हैं, तो ऐसे लोग देश की सेवा कैसे करेंगे? और ऐसे लोग जो अपने आप को दूर भगाने, दूर भागने का प्रयास करते हैं सेवा करने की बजाय। लेकिंज अगर चीन के नागरिकों ने चीन की सेना में भर्ती होने से मना कर दिया तो उसके साथ चीन की सरकार क्या बर्ताव करती है! उसके तरक़्क़ी के सभी रास्ते बंद हो जाते हैं। ना तो वो सरकारी जॉब कर साकता है, ना वो कोई बिज़नेस कर सकता है, ना ही वो आगे पढ़ायी कर सकता है किसी भी यूनिवर्सिटी में और जो भी सभ्य समाज है, उसको बदनाम कर दिया जाता है सभ्य समाज के अंदर उसकी छवि ख़राब कर दी जाती है और उसको विदेश जाने के लिए वीज़ा वग़ैरह नहीं दिया जाता है और जो भी अवसर होते हैं, सारे अवसर उससे छें लिए जाते हैं। किसी भी, कोई भी मौक़ा उसे सरकार की नहीं दिया जाता है, जो कि आर्मी ज्वाईन करने से इनकार कर देता है। दूसरी तरफ़, दूसरी तरफ़ ना तो वो हवाई यात्रा कर सकता है और ना ही लम्बी दूरी की ट्रेन में बैठकर जा सकता है। यानी कहने का मतलब