कामकाजी महिलाओं का अपना खास कार्यक्रम "अब मैं बोलूंगी" साथियों,रोजी-रोटी की तलाश में गाँवों से शहरों में पलायन करते समय कई बार महिलाएं दलालों और असामाजिक तत्वों के चंगुल में भी फँस जाती हैं और मानव तस्करी से लेकर यौन शोषण तक का शिकार होती हैं।दूसरों के घरों में काम करने वाली महिला श्रमिकों की संख्या लगभग एक करोड़ है।आखिर क्यों सरकार द्वारा लागु की जा रही तरह-तरह की योजना का लाभ उठाने से वंचित रह जा रहीं हैं कामकाजी महिलाएं। विस्तार पूर्वक जानकारी पाने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी बातों को।