1. तीन घंटे ठेका कर्मियों ने जाम रखा टाटा स्टील का गेट :-- टाटा स्टील के जेनरल आफिस गेट पर लंबे समय के बाद ठेका कर्मचारियों ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया। लगभग तीन घंटे तक कर्मचारियों ने कंपनी गेट को जाम रखा। किसी को घुसने नहीं दिया। ठेका कर्मचारी 27 साल पहले कंपनी के तत्कालीन सीएमडी रूसी मोदी द्वारा किए गए वादे को पूरा करने की मांग कर रहे थे। उधर, टाटा स्टील प्रबंधन ने ठेका कर्मचारियों के आंदोलन पर किसी भी तरह की टिप्पणी से इन्कार कर दिया है। आंदोलन का नेतृत्वकर रहे श्याम पात्रो ने बताया कि प्रात: 11 से दोपहर दो बजे तक कंपनी गेट जाम रखा गया। अधिकारियों व कर्मचारियों को दूसरे गेट से आना व जाना पड़ा। श्याम पात्रो ने बताया कि वर्ष 1981 से 1990 तक ठेका कर्मचारियों ने संकट के समय टाटा स्टील कंपनी का साथ दिया था। तब लाल झंडे के बैनर तले मजदूरों ने कंपनी में हड़ताल कर दिया था। कंपनी की चिमनी बुझने की नौबत आ गई थी। तब कंपनी के सीएमडी रहे रूसी मोदी खुद करनडीह आए थे। वादा किया था कि जो लोग तत्काल कंपनी में काम करेंगे उन्हें स्थायी नौकरी दे दी जाएगी।वर्ष 1990 में चंपई सोरेन के नेतृत्व में जेनरल आफिस का गेट जाम किया गया, तो कंपनी ने 1640 लोगों को स्थायी नौकरी दी। शेष 1200 लोगों को आश्वासन देकर छोड़ दिया गया। उनमें से आज अधिकतर लोगों की उम्र नौकरी करने लायक नहीं बची। लिहाजा, अब वे अपने आश्रितों को नौकरी या उन्हें पैकेज देने की मांग कर रहे हैं। आंदोलन के अंत में टाटा स्टील की अधिकारी बहलीन चांपिया ने कर्मचारियों से ज्ञापन लिया 2. EPFO उपभोक्ताओं को मिलेगी बड़ी सहूलियत, नई पॉलिसी में हट जाएंगी मौजूदा सीमाएं :-- विडेंट फंड उपभोक्ताओं को जल्द ही सरकार से बड़ी सहूलियत मिलने की उम्मीद है। रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रम मंत्रालय एक नई पॉलिसी पर काम कर रहा है जिसमें निवेश पर लगाई गई मौजूदा सीमाएं हट जाएंगी। ऐसा नेशनल पेंशन स्कीम की तर्ज पर किया जाएगा . समिति का मानना है कि इन प्रतिष्ठानों ने अपने अंशधारकों को लाभ पहुंचाने के लिये शायद ही कोई कदम उठाया होगा। समिति ने कहा कि कोष के दुरूपयोग को रोकने के लिये कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा शायद ही कोई अनुपालन आडिट किया जाता है। समिति के हस्तक्षेप के बाद आडिट प्रणाली में तेजी आयी है।रिपोर्ट के अनुसार ‘समिति चाहती है कि दिशानिर्देश बनाते समय इन आशंकाओं को ध्यान में रखा जाए तथा छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों को अवैध गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगाने के लिये कड़ा जुर्माना लगाया जा सकता है।’’ 3. 200 से अधिक घरेलू श्रमिकों ने गुरुवार दोपहर संसद स्ट्रीट पर विरोध किया :-- पूरे देश se लगभग 200 से अधिक घरेलू श्रमिकों ने गुरुवार दोपहर संसद स्ट्रीट पर विरोध किया। घरेलू श्रमिकों का राष्ट्रीय मंच yani एनपीडीडब्ल्यू ke राष्ट्रीय संयोजक सुभाष भटनागर ने कहा, ki unkii मुख्य मांग यह है कि घरेलू कार्य को वास्तविक कार्य के रूप में पहचाना जाना चाहिए और कर्मचारियों को लाभ दिया जाना चाहिए। यह virodh pradarshan (एनपीडीडब्ल्यू) और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी उपस्थित थे। unhone kaha ki अंशकालिक घरेलू कार्य और पूर्णकालिक कार्य के कारण इस मामले में विशेष कार्य परिस्थितियां हैं और ज्यादातर मामलों में, वे न्यूनतम मजदूरी भी नहीं करते हैं। "