1. 40 करोड़ मजदूरों को मिलेगा सामाजिक सुरक्षा कवर, 17 सितंबर को हो सकती है शुरुआत :- केंद्र सरकार असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करीब 40 करोड़ मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा का कवर उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है। इसके लिए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को इस क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की पहचान संख्या बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।उम्मीद की जा रही है कि आगामी 17 सितंबर को इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं।सरकार असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की पहचान संख्या (यूडब्ल्यूआईएन) बनाएगी, जो आधार संख्या से जुड़ी होगी। इसके लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया की हरी झंडी मिल गई है। इसके जरिये सामाजिक सुरक्षा पेंशन, स्वास्थ्य लाभ, महिलाओं के लिए प्रसूति लाभ आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, इस योजना को हरी झंडी मिल चुकी है। देश के 40 करोड़ लोगों को आधार संख्या पर आधारित पहचान संख्या उपलब्ध कराने के लिए 402 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत हो चुका है। 2. ट्रेड यूनियन एक्ट में होगा बदलाव :-- केंद्रीय मजदूर संगठनों को वैधानिक अधिकार देने के लिए सरकार ने ट्रेड यूनियन अधिनियम 1926 मे बदलाव का प्रस्ताव किया है। प्रस्तावित मजदूर संगठन (संशोधन) विधेयक 2018 मे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों को केंद्र व राज्य सरकारों के विभिन्न सरकारी विभागों मे मान्यता दिए जाने का प्रावधान शामिल है। इसमें सरकार को ट्रेड यूनियनों की मान्यता के लिए नियम तैयार करने व विवादों के समाधान करने का अधिकार देने का भी प्रावधान हैं। इस बदलाव को लेकर कुछ ट्रेड यूनियन ने विरोध जताया है। उनके मुताबिक मौजूदा सरकार ट्रेड यूनियन एक्ट में बदलाव लाने की कोशिश सिर्फ अपने पसंदीदा के श्रमिक संगठनों को मान्यता दिलाने के लिए कर रही है। यूनियन नेतााओं का कहना है कि केंद्रीय स्तर पर श्रमिक संगठनों के मान्यता के लिए वर्तमान ट्रेड यूनियन एक्ट 1926 में जरूरी प्रावधान पहले से ही है। हालांकि सरकार के मुताबिक श्रमिक संघ प्रतिनिधियों की ओर से अब तक आरोप लगाया जाता था कि श्रम मंत्रालय को छोड़ कर किसी अन्य तरह के सांविधिक समर्थन के अभाव में केंद्र और राज्य सरकार ट्रेड यूनियनों या महासंघों को अधिक महत्व नहीं देता है. इस आरोप से निपटने के लिए ट्रेड यूनियन एक्ट में बदलाव की तैयारी शुरू की गई है.