महाराष्ट्र के लातूर से सोनू गुप्ता जी कहते है कि ये दोनों आँखों से दृष्टिहीन है और उज्वला जी से कहना चाहते है कि महाराष्ट्र में एक संस्था है जिसका नाम है ग्रामीण श्रमिक प्रतिष्ठान संचालित स्वयं रोजगार प्रशिक्षण केंद्र, इसमें हर प्रकार के रोजगर के प्रशिक्षण दिए जाते है,जैसे बेडशीट बनाना, कपड़ा बनाना आदि इसमें निश्चित रूप से रोजगार मिल सकता है।

महाराष्ट्र से शेख मुदिन जी कहते है कि ये नेत्रहीन होते हुए भी ट्रैन में खिलौने बेच कर रोजगार करते है। इनका सभी से कहना है कि एक समस्या को लेकर न बैठे,इनकी तरह रोजगार के अवसर ढूंढे ।