बलिया उत्तरपरेश से मोहम्मद वसीम जी कहते हैं कि वे दोनों आखों से नेत्रहीन हैं और उनके घर में उनके भाई-बहन भी दृष्टिबाधित हैं ? उन्हें रोजगार की आवश्यकता है और वे कुर्सी बुनाई और मरम्मत का काम जानते हैं।
बलिया उत्तरपरेश से मोहम्मद वसीम जी कहते हैं कि वे दोनों आखों से नेत्रहीन हैं और उनके घर में उनके भाई-बहन भी दृष्टिबाधित हैं ? उन्हें रोजगार की आवश्यकता है और वे कुर्सी बुनाई और मरम्मत का काम जानते हैं।