झारखंड के पूर्वीसिंघभुम,पोटका से सुबोध कुमार जी कहते है कि हमलोग तो दवा का उपयोग करते ही है,परन्तु दृष्टिबाधितों के लिए दवाई का नाम पढ़ना बहुत ही मुश्किल होता है,इसलिए ये कह रहे है कि कितना अच्छा होता अगर दवाई का नाम भी ब्रेल लिपि से लिखा होता।