दुमका जिला से शैलेन्द्र सिन्हा ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है की महिला हिंसा के तहत भ्रूण हत्या भी एक अपराध है।और इसके तहत अपराधकर्मी को १५ वर्ष तक करावास का सजा का प्रावधान है।महिला हिंसा के तहत दहेज़ प्रतिषेध अधिनियम को लागु किया गया है।इस अधिनियम कि मुख्य धारा है।धारा 3(1) के तहत ऐसे व्यक्ति जो दहेज़ लेने और देने के लिए प्रेरित करे उसे 5वर्ष का कारावास तथा 15वर्ष का जुर्माना हो सकता है। घरेलु हिंसा के तहत परिवार के अंदर भी महिलाओ के साथ हिंसा होती है जिससे उन्हें शारीरिक तथा मानशिक या भावनात्मक छति होती है।