जिला दुमका से शैलेन्द्र सिन्हा ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि घरेलु हिंसा किसी भी महिला या कन्या को किसी भी पुरुष द्वारा मानसिक या शारीरिक नुकशान पहुचाना यह घरेलु हिंसा के तहत मुकदमा बनता है।शारीरिक योनिक हिंसा के साथ ही मौखिक,भावनात्मक और आर्थिक रूप से कि गई हिंसा भी घरेलु हिंसा कहलाता है।ऐसे मुक़दमे महिला कोषणक के तहत महिला थाना में लाया जाता है। और उस पुरुष को भी बुलाया जाता है। महिला कोषांक कि बैठक महीने में दो बार होती है।प्रतेक जिले में अध्यक्ष के रूप में पुलिस उपाधीक्षक होते है.कोषांक कोसलिंक के माध्यम से घरेलु हिंसा के मामलो को निपटाता है। क़ानूनी प्रावधानो के तहत और राज्य महिला आयोग के निर्देशानुसार घरेलु हिंसा के मामलो को सुलझाते है।