तेज नारायणप्रसाद कुशवाहा ,चास हज़ारीबाग़ से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाहते है की कम उम्र में शादी नही करनी चाहिए।बेटी की शादी सोच समझकर करनी चाहिए क्योकि अगर उनकी पढ़ाई लिखाई छोड़कर पारिवारिक जिम्मेवारी दे दी जाती है जो नहीं करना चाहिए। उसे पढ़ाना लिखाना चाहिए क्योकि अगर वह पढ़ेगी तभी तो जिस तरह लड़का लड़की का साक्षात्कार लेता है,अब लड़की भी ले सकती है साक्षात्कार. इसलिए उन्हें पढ़ाना चाहिए और पैरो पर खड़ा कराना चाहिए क्योकि इससे दहेज़ की प्रथा भी खत्म हो जाएगी.