हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड से तेज नारायण कुशवाहा जी कहते हैं कि जब लड़ियों का मासिक चक्र शुरू होती है तो स्वभाविक ही उनके अन्दर चीड़चिड़ापन आ जाता है।ऐसे समय में अगर उनको कोई समझाने वाले या सही राह दिखाने वाला नहीं होता है तो वे अक्सर कोई गलत दिशा की ओर चली जाती है जिससे उनकी शारीरिक ,मानशिक पर प्रभाव पड़ता है।और अगर जब लड़की की शादी उस अवस्था में करें जब वे मच्योर हो जाएँ जैसे 18 साल की हो जाये या उससे ज्यादा तो वे ससुराल में रहकर अपनी जिम्मेदारी संभाल सकती हैं।