जिला दुमका से सुभाष कुमार ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है की बाल विवाह एक प्रथा के रूप में किया जाता था लेकिन अब धीरे धीरे समाज से यह ख़त्म हो रही है फिर भी गांवो में बाल विवाह किया जाता है.बाल विवाह होने से माँ और बच्चा दोनो के स्वास्थ पर गिरावट आती है:समाज इस प्रथा को बंद करे.
