हजारीबाग:दारू से रणधीर गिरी जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि बाल अवस्था में बच्चो के मंद काफी विचिलित होता है उसे जिस प्रकार ढला जाता है वो उसी प्रकार ढल जाता है और उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है।बच्चो को बाहर पढ़ने लिखने के लिए भेज देते है पर उन्हें बाहर में हो रहे बाल योन शोषण की जानकारी नही होती है। बच्चो को समझ ने के लिए माता पिता को प्यार से व्यवहार करना चाहिए और बच्चो के आतंरिक बातो को समझना चाहिए और उस पर सही विचार करना चाहिए।इस तरह से बाल योन शोषण को रोक जा सकता है।