बोकारो: नावाडीह, बोकारो से महाबीर प्रसाद महतो झारखण्ड मोबाइल के माध्यम से कहते हैं कि आज पुरे झारखण्ड प्रदेश में अंधाधुध जंगल उजड़े जा रहे है जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होने लगा इसके सीधा प्रभाव पर्यावरण पर पड़ रहा है.यहाँ पर पेड़ पौधों को काट कर पहाड़ों को तोड़कर कोयला खनन किया जा रहा है. जिसका जीता जगता उदाहरण बेरमो कोयलांचल के आस-पास तारनी ,पलामू, बोकारो थर्मल नावाडीह प्रखंड क्रइ कई क्षेत्र शामिल हैं. इतना ही नही झारखण्ड एक खनिज सम्पदा से परिपूर्ण राज्य है.राज्य में रतनों का भंडार भी है यदि इन रत्नों की खोज की जाती है तो सरकार को करोड़ों की संख्या में राजश्व प्राप्त होगी लेकिन तस्कर द्वारा रतन तस्करी की जा रहा है.इसी तरह के मामला सामने आया था पूर्वी सिंहभुम में. कोडरमा में भी इस तरह के मलमे सामने आ चुके हैं. पारसनाथ पहाड़ियों से भी चन्दन की लकड़ियों की तस्करी होती है.इतना ही नही कई झरनों के आसपास से कीमती पत्थरों को तोड़कर बर्बाद किया जाता है. इससे प्राकृतिक छटा नस्त होती हैं.