बोकारो: वासुदेव तुरी ने नावाडीह, बोकारो से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से देश में नारियों के प्रति हो हिंसा के बारे में कहते हैं कि भारतीय नारी श्रृष्टि के आरम्भ में अनंत गुणों से परिपूर्ण रहीं हैं इसके बावजूद आज महिलाएं हिंसा के शिकार हो रही हैं, वे कहतें है कि आज हमारे समाज की लड़ाई भी टिन स्तर पर होनी चाहिए. पहला तो उनके खिलाप जो नारी को अपना सम्पति समझते हैं, दूसरा समाज के खिलाप जहाँ महिलाएं आर्थिक, सामाजिक, शैक्षनिक रूप से तो समृद्ध है लेकिन अपनी आजादी और मान सम्मान के लिए लड़ रहीं हैं और तीसरी जहाँ नियम कायदा कनुने उन्हें उपभोक्ता कम उत्पाद ज्यादा बना दिया है.आज उपभोक्ता वर्ग को लुभाने के किसी भी उत्पाद के प्रचार-प्रसार के लिए महिलाओं को इस्तेमाल किया जा रहा है.ऐसे देखा जाये तो ये महिलाओं का विकास कहा हो रहा है. पंचायती राज्य में ५०% आरक्षण दिया तो दिया गया, मनरेगा सामान रोजगार दिया गया विधान सभा में आरक्षण मिला लेकिन इससे महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त नही हुई है . वे कहते हैं कि अपने अधिकार को नही जानना उतनी बुरी बात नही जितनी की अपने अधिकार को जानते हुए चुप रहना.
