धनबाद: तोपचांची प्रखंड के चैता पंचायत के खेराबेड़ा गाँव निवासी रूपक महतो ने पतझड़ के मौसम में जंगलों पर असमिक तत्वों के द्वारा आग लगाये जाने की खबर जो की सिंगड़ा पंचायत के निवेद्कर महतो के द्वारा झारखण्ड मोबाइल वाणी पर दी गई थी उस पर इन्होने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहतें हैं, इस मौसम में जंगल में आग न लगायें. आग लगाने से पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है, छोटे-छोटे पौधों को नुकसान तो होता ही है साथ ही साथ जंगल से जीव-जंतु भी विलुप्त होने की स्थिती में हैं. और न सिर्फ छोटे पौधे नस्ट होतें बल्कि आम, केंद ,भेलवा, पियार आदि पेड़ भी नस्ट हो रहे हैं, और इसका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर ही पड़ता है.