बबीता देवी,कोडरमा डोमचांच से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाह रही है कि महिला हिंसा बहुत आगे पहुँच गया है.लड़की का कम उम्र में ही बाल विवाह कर दिया जाता है। लड़की घर में ही वयस्थ होती है तथा शादी का बंधन होता है.शादी के बाद भी कोई लड़की पढ़ना चाहती है तो वह पढ़ नहीं पाती है तथा कुछ लड़किया है जो पढ़ पाती है.महिला शिक्षित नहीं होती है इसलिए वह अपने बच्चो को शिक्षा नहीं दे पाती है। महिला शिक्षित नहीं होती है इसलिए वह क़ानूनी कार्यवाई नहीं कर पाती है.