हजारीबाग से मुज़फ्फर हुसैन (डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर) यह बताना चाह रहे है की जनवितरण प्रलानी में बहुत धान्दलि हो रही है अभी वे हर्ली वार्ड के सामने खड़े है। इसकी समस्या यह है की जब लोग तीन दिन के बाद जब तेल लेने पहुँचते है तो उन्हें यह बोल जाता है कि तेल खत्म हो गया है और उनको ढाई लीटर की जगह दो लीटर तेल मिलता है।यही हाल लगभग सभी जनवितरण का है चाहे वो दारू हो खैर हो आदि जब उन्होंने लोगों से पुछा की जब कार्ड उनके नाम से है तो तेल कैसे खत्म हो जाता है और ढाई लीटर की जगह उन्हें दो लिएर ही क्यों मिलता है तो उन्होंने बताया की खुले बाज़ार में तेल 40 रूपए लीटर मिलता है। जब इस बारे में दुकानदारों से उन्होंने पूछा तो वे मीडिया (झारखण्ड मोबाइल वाणी) के बात करने को कतराए और उन्होंने कुछ भी स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। इसमें सरकार को बहुत मुश्किल हो सकती है क्योंकि जहाँ ऐसा हो रहा है वहाँ बिजली भी नही है