धनबाद : खेराबेड़ा,तोपचांची,धनबाद से फरकेश्वर महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि राज्य में स्थानीय भाषाओ को प्राथमिकता नहीं दी जाती है। वे कहते हैं कि झारखण्ड प्रदेश में ओलचिकि आदिवासियों का प्रमुख भाषा है लेकिन विद्यालयों में इस भाषा को प्राथमिकता नहीं दी जाती है। उनका कहना है की चैता पंचायत अंतर्गत ग्राम केशलपुर एक आदिवासी बहुल इलाका है लेकिन यहां के उत्क्रमित मध्यविद्यालय में ओलचिकि भाषा को नहीं पढ़ाया जाता है। अत: शिक्षा अधीक्षक से मांग करते हैं कि इस भाषा को प्राथमिकता दी जाये।
