बोकारो,नावाडीह गुंजाडीह से वासुदेव तुरी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की झारखण्ड सरकार ने पारा शिक्षको की मांगो पर चुप्पी साध ली. जानकारी के अनुसार 2010 से पारा शिक्षको द्वारा अपनी सम्मानजनक मांगो को लेकर आवाज उठाते रहे और 28 अगस्त 2012 से वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है इनकी सम्मानजनक मांगो पर सरकार कुछ बोलने को तैयार है ही नहीं और प्राथमिक तथा मध्यविद्यालयो में देखे तो मात्र एक या दो शिक्षक मिलेंगे जो बच्चो पढा रहे है बाकि का पठन-पाठन का कार्य पारा शिक्षको के भरोसे चल रहा है प्राथमिक स्कुलो की हालत काफी ख़राब है सरकार पारा शिक्षको की मांगो की उपेक्षा कर रही है जिनका शिकार बच्चे हो रहे है पारा शिक्षको की हड़ताल से बच्चो की पढाई बाधित हो रही है.
