जिला बोकारो से ज्ञानेंद्र कुमार झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि उन्होने बोकारो स्म्हारालय की अधिवक्ता मनोरमा सिंह से महिला हिंसा पर बात की तो उन्होने बताया की हर व्यक्ति जन्म से ही कुछ अधिकार ले कर आता है चाहे वो जीने का अधिकार हो या विकाश के लिए अव्षर प्राप्त करने का अधिकार हो,मगर इस पुरुष प्रधान समाज में महिलाओ के साथ लैंगिक भेद भाव करने से महिलाए इन अधिकारो से वंचित रह जाती हैं इसी वजह से महिलाओ के अधिकारो को सुनिश्चित करने हेतु हमारे समाज में अलग-अलग से कानून भी बने गए हैं जो की महिलाओ को जिंदगी जिने में ये कानून भरपूर मदद कर रहे हैं,इसके लिए इसमें संशोधन भी किए गए हैं,लेकिन महिलाए इस कानून का उपयोग नहीं कर पाती इस सामाज में महिलाओ को पता भी नहीं होता है की हिंसा से बचाव के लिए कोई कानून भी है।