तमिलनाडु राज्य के इरोड ज़िले की ईस्ट मैन कंपनी के आस-पास शाम रोज़ की तरह सूरज के डूबने का इंतज़ार कर रही थी. अंधेरा उन मज़दूर-बस्तियों को रोशन कर रहा था. मानो दिन भर फैक्ट्रीयों में मेनहत जलती है और फिर शाम का गहरा अँधेरा सिमट आता है। कुछ ही वक़्त गुज़रा था कि मजदूरों की बस्तियों में तकनीक और मोबाइल के माध्यम से मज़दूरों की आवाज़ उठाने वाले कुछ सामुदायिक मीडिया मज़दूर नज़र आने लगे थे और उनके हाथों में कुछ पर्चे थे जिस पर एक मोबाईल नम्बर था। दलाल और ठेकेदारों की नज़र बस्तियों में आने-जाने वाले हर इंसान पर थी। बस्ती की पूरी कहानी को जानने के लिए इस ऑडियो पर क्लिक करें।