रुपेश कुमार झा मधुबनी बिहार से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि नारी शिक्षा अधूरी है लोग घर के बहु बेटियों को घर से बाहर नही जाने देते है बेटियों को पढ़ाना नही चाहते है ये कहकर कि बेटियां पढ़-लिखकर क्या करेंगी आखिर उन्हें घर में खाना ही तो बनना है. वे कहते हैं कि यह अश्चार्जनक है कि लोगो के सोच आज के आधुनिक युग में भी कितना पौराणिक है.