दुमका से शैलेन्द्र सिन्हा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बता रहे है कि महिला हिंसा कई प्रकार की भांति है। आज वो एक महिला से बात कर रहे है जया कुमारी भगत है जो महिला हिंसा के बारे में बता रही है। ये बता रही है कि समाज में लोग हमेशा ही औरत को दोष देते है और उनपर अगल अलग तरीके का आरोप लगते हुई उनके साथ हिंसा करते है। जैसे - किसी को डैन कह कर उसको मरते है और समाज से अलग भी रखते है ,किसी औरत को अगर बच्चा नही हो रहा है तो उसका दोष भी लोग उसी को देते है और उनको कोशने,मरने जैसे हिंसा करते है। लोगो को समझना चाहिए की इसमें सिर्फ औरत का ही दोष नही होता है। हो सकता है कि इसमें पुरष का भी दोष हो। ये उन सभी लडकिया और औरतो को ये कहना चाहती है कि वो इस समाज में हो रहे अन्याय और हिंसा से लड़े। चुप रह कर हिंसा का न सहे। इस समाज में उनका भी बराबर का हक़ है उसे ले और नही मिल रहा है तो उसे छीने। महिलाओ को अकसर लगता है कि वो लड़ नही सकती और उनमे वो सकती नही है। तो ऐसे लोगो से जाया जी कहना चाहती है कि वो महिला सस्कति कारन करे और खुद को कमजोर न समझे। जो उनका हक़ है उनको वो हाशिल करे। इसमें कही न कही दोष माता और पिता का भी है। वो समझते है कि बेटी है इसकी तो शादी हो जाने के बाद इसे वही गरेलू काम ही करना है तो इन्हे पढ़ा लिखा के क्या फायदा है। मगर वही माँ बाप ये नही जानते की आज महिलाएं किती तेजी से आगे बढ़ रही है। आज बहोत घरो की महिलाएं तो घर का काम करने के साथ साथ अपनी पढाई को भी महत्व देती है और शिक्षा अर्जित कर रही है।