झारखंड राज्य के बोकारो ज़िला के नावाडीह प्रखंड से जे.एम रंगीला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आजादी के पश्चात् देश एवं राज्य में प्रायः सभी क्षेत्रों में बदलाव आया है।लेकिन कई ऐसे गाँव व मोहल्ले हैं, जो आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित अपनी विवश्ता पर आँसू बहाने को विवश है। ऐसा ही हाल बोकारो ज़िला के गोमिया प्रखंड के सियारी पंचायत का आदिवासी मोहल्ला धमधरवा का है।इस आदिवासी बहुल पंचायत सियारी को आदर्श पंचायत का दर्जा दिया गया है। इसी पंचायत के राजस्व गाँव गोसे से अंतर्गत धमधरवा मोहल्ला अवस्थित है, जहाँ पच्चास संथाली सामुदाय के लोग निवास करते हैं और इनकी आबादी ढ़ाई सौ के करीब है। पर आश्चर्य की बात यह है कि इस आदिवासी मुहल्ले में पेजल की व्यवस्था नहीं की गई है।अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए लोग नदी एवं झरनों से पानी ला कर पीने को विवश हैं। वहीँ सड़क के अभाव में लोगों के पास पंचायती मुख्यालय समीप रेलवे स्टेशन आने के लिए डुमरी पगडंडियों के अलावे कोई अन्य विकल्प नहीं है। इसके लिए पूर्व विधायक के कार्यकाल में कुआँ से जलापूर्ति योजना शुरू की गई थी जो अब तक अधूरा पड़ा हुआ है।पर विडंबना यह है कि जहाँ पेजल,सड़क एवं बुनियादी सुविधाओं का अभाव है वहीँ दूसरी ओर विद्यालय एवं अस्पताल का होना एक आश्चर्य की बात मानी जाती है।साथ ही प्राथन मंत्री आवास योजना के लाभ से भी गाँववासी वंचित हैं।लोग मिटटी के घरों में रहने पर मजबूर हैं।