शैलेन्द्र सिन्हा दुमका से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से अनुपमा सिन्हा से साक्षात्कार करते हुए घरेलु हिंसा पर राय दे रहे है। ये कहती है महिलाओ पर हिंसा जन्म से ही शुरू हो जाती है अगर मत के गर्भ में पल रहा बच्चा अगर लड़की है तो उसे जन्म लेने से पहले ही मार दिया जता है या तो उनकी अच्छी तरह देख-भाल नही की जाती है जिस से उसे कुपोषण हो जाता है कुपोषण एक ऐसा जाल है जिसमे गरीब ही उलझते है। छोटे -छोटे बच्चो को ही यह रोग होता है