चतरा,थानाचट्टी से भीम पासवान झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से महला आरक्षण पर कहते है की वास्तव में महिलाये पुरे भारत में घरेलु हिंसा का शिकार इसके लिए भारत सरकार ने कई सतत प्रयास किये है लेकिन महिलाये इसका लाभ नहीं ले पा रही है आरक्षण के माध्यम से महिलाये आज भले ही प्रतिनिधि के रूप में उभर कर सामने आयी है लेकिन कुर्सी पर बैठकर अभी उन्हें कार्य नहीं करने दिया जा रहा है उनके जगह पर उनके परिवार के सदस्य काम सँभालते है इस तरह से टुलमुल पंचायत में पुरुषो की तुलना में महिलाऐ ज्यादा चुनकर आयी है.