दीपक कुमार सिंह,हजारीबाग से बिहार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाह रहे है कि महिलाओ को ५०%आरक्षण मिलने सी उसे राजनीती में भागेदारी नहीं मिल सकती है,बहुत से मुख्या महिला,सरपंज तथा प्रमुख अध्य़क्ष बनी है वह यही बन कर रह गयी है क्योकि जादातर उनलोगो के काम उनके पति करते है क्योकि उन्हें उतनी जानकारी नही होती है जिस कारन वह अपने पति के जरिए ही काम करती है और जबतक खुद महिला अपने प्रति ससक्त नहीं होती तब तक उन्हें आरक्षण का औचित ही नहीं रह जाता है।