छत्तीसगढ़ राजनंद गावँ से वीरेंद्र गंधर्व ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि होली का त्यौहार प्राचीन काल से ही मनाया जा रहा है। परन्तु कुछ समय स होली पर असभ्यतापूर्वक घटनाये होतीआ रही है जो हमारे लिए दुखदाई है। इसके लिए हमें ध्यान देना होगा कि आने वाले समय में होली के शुभ अवसर पर असभ्यता ना हो और प्राकृतिक रंगों के साथ सभ्यता से गुलाल लगाना चाहिए। कई बार ऐसा देखा गया है कि महिलाओं के साथ भद्रता की जाती है। ऐसे में महिलाओं के साथ संस्कारपूर्वक होली खेलनी चाहिए।