झारखण्ड राज्य के जिला पूर्वी सिंघभूम प्रखंड पोटका से कैलाश कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि बाजार में प्लास्टिक के बर्तन आ जाने से मिटटी के बर्तनो का उपयोग बिलकुल ख़तम हो गया है। वे बताते है के राज्य के कुम्हार जो कि मिटटी के एक से एक बर्तन बनाया करते थे आज प्लास्टिक और स्टील आ जाने से बेरोजगारी के शिकार हो गए है।साथ ही वे बताते है के प्लास्टिक एवं स्टील के बर्तनो का उपयोग करने से इंसान के सेहत पे भी असर पड़ता है इसलिए लोगो को मिटटी के बर्तनो का भी उपयोग करना चाहिए जिससे कि सेहत भी अच्छी बनी रहे एवं साथ ही राज्य के कुम्हारो का रोजगार भी फले फुले।