मनरेगा, राजस्व एवं पारा शिक्षक सरकार से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। किसी भी चीज के निर्माण के लिए मनरेगा कर्मी,राजस्व कर्मी एवं बच्चों के भविष्य को सवारने में शिक्षकों का भूमिका बहुत ही अहम होता है। ऐसी स्थिति में जब इन्हे अपने कार्यों के अनुसार वेतन और सुविधाएँ नहीं मिलती है तो इनके पास हड़ताल के सिवाय दूसरा कोई और विकल्प नहीं रहता है।दोस्तों, हजारो की संख्या में पारा शिक्षकों, लगभग सात हजार मनरेगा कर्मियों, एक हजार राजस्वकर्मियों के एक साथ हड़ताल पर चले जाने से आपके क्षेत्र की स्थिति कैसी है...? इतने लम्बे समय से विभिन्न कर्मियों के हड़ताल में जाने के बाद भी सरकार द्वारा उनकी मांगे नहीं मानी जा रही है ऐसी स्थिति में कर्मियों को और कौन-कौन से कदम उठाने की जरुरत है..? आपके अनुसार कर्मी दुबारा कोई हड़ताल ना करें इसके लिए सरकार को कौन सी योजना बनानी चाहिए..? कर्मियों द्वारा किये जाने वाले हड़ताल से क्षेत्र में कई तरह की आर्थिक क्षति पहुँचती है, इसकी भरपाई के लिए प्रशासन द्वारा क्या पहल किया जाता है...? कर्मियों के लिए प्रत्येक वर्ष सरकार कई घोषणा करती है, लेकिन सरकार की घोषणाएं आपके क्षेत्र में धरातल पर उतारा जाता है और किस हद तक .?