दीपक कुमार सिंह हजारीबाग से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रास्ट्रीय और क्षेत्रीय दल अपनी अपनी रणनीति बना रहे है पर उन्होने इन पांच वर्षो में क्या झारखण्ड के मतदाताओ के साथ खासकर बेरोजगार मतदाताओ के साथ न्याय कर सके है झारखण्ड के गठन को 13 वर्ष हो गए पर जिस उद्देशय के लिए गठन किया गया था उस उद्देशय की पुर्ति नहीं हो पायी है क्योकि झारखण्ड में बेरोजगारी चरम सीमा पर है जितनी भी नियुक्ति प्रक्रिया हुई वह स्थानीयता और आरक्षण की निति पर अधर में रुकी हुई है रोजगार की तलाश में युवक और युवतियो द्वारा राज्य के बाहर पलायन किया जा रहा है इतने वर्षो में कोई भी राजनितिक दल और सरकार बेरोजगारो को रोजगार देने में सफल नहीं हुए है तो नवयुवको द्वारा वोट के प्रति क्यो सजग रहेंगे।