झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड से जे.एम रंगीला मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि सौर ऊर्जा का इस्तेमान किन-किन चीजों में की जा रही है इसकी खोज बिन करने से यह ज्ञात होता है कि सौर ऊर्जा से नावाडीह प्रखंड सहित बोकारो जिला के विभिन्न प्रखंडों में केवल गांव की गलियों में स्ट्रीट लाइट के रूप में इसका इस्तेमाल हो रहा है। कहीं-कहीं पेजल एवं स्वक्षता विभाग झारखण्ड सरकार द्वारा नर्मित मिनी जलापूर्ति योजनाओं में सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है। कृषि कार्य तथा सिचाई कार्य में कहीं भी सौर ऊर्जा का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। जबकि सिचाई करने के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है। पर जनता एवं किसानों में जानकारी के अभाव होने के कारण यह उपयोग में नहीं आ पा रहा है। वहीँ सौर ऊर्जा के व्यवसायिक इस्तेमाल अधिकाधिक होने लगाएगा तो ऐसी स्थिति में विधुत ऊर्जा का घटना एक सरल बात हो जाएगी। इस वजह से सरकारी अमला सौर ऊर्जा के व्यवसायिक इस्तेमाल के प्रति उदासीन रवैया अपनाई हुई है। चूँकि सौर ऊर्जा से सिचाई करने पर किसानो को प्रति माह किराए भरने से छुटकारा मिल जाए तो सरकार को राजस्व का घाटा उठाना पड़ेगा। अतः सौर ऊर्जा के प्रति किसानो तथा जनता में जागरूकता लाने की जरुरत है।