झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के नावाडीह प्रखंड से सुमंत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि स्वछता और स्वास्थ्य एक दूसरे का पूरक होता हैं। क्योंकि स्वछता के बिना कोई अच्छी स्वास्थ्य की कल्पना भी नहीं कर सकता हैं। देखा जा रहा हैं कि लोगों में जागरूकता बढ़ रही हैं और इसके तहत तरह तरह के स्वछता कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं।परन्तु शौचालय केवल दिखावें तक के लिए रह गई हैं।गांव-गांव में शौचालय का निर्माण किया तो जा रहा हैं परन्तु इसकी गुणवक्ता में कमी हैं। इसके निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा हैं। इसलिए लोगों में भय हैं इसकी धाराशायी का। इससे भारी क्षति होने की आशंका हैं।अधिकतर पंचायतों में शौचालय का निर्माण अच्छे से नहीं किया गया हैं। पंचायत प्रतिनिधि अपने लाभ के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर रहे हैं शौचालय के निर्माण कार्य में।शौचालय के निर्माण हेतु मिलने वाली राशि का अधिकतर भाग का गबन कर लिया गया हैं। बहुत से ऐसे शौचालय हैं जो एक महीनें में ही गिर चुकी हैं।ऐसे में स्वच्छ भारत का नारा अधूरा दिख रहा हैं।