झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के तोपचांची प्रखंड से झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से रविंद्र महतो बता रहे है कि वर्तमान समय में कुम्हारो की माली स्तिथि चिंताजनक है और सरकार के द्वारा ऐसे परिवारों को किसी भी प्रकार से वित्तीय लाभ नहीं दिया जाता है। लोगों का मिट्टी से बने खिलौने से मोहभंग होने लगा है, जिस कारण कुम्हारो की आय ना के बराबर है। जिससे वे ना तो अपना और ना ही आपने परिवार का भरण पोषण कर पा रहे है और उन्हें विभिन्न प्रकार के कठिनाइयों का सामना करना भी पड़ रहा है। कुम्हारो के लिए मिट्टी की भी काफी समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्हें बर्तन बनाने बनाने के लिए दूसरे के खेतों से सम्पर्क कर मिट्टी लाना पड़ता है। जिसके लिए उन्हें काफी पैसे देने पड़ते हैं साथ ही क्षेत्र में कोयला के अभाव के कारण कच्चे बर्तन को पकने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिस कारण इन्हे भुखमरी के दौर से भी गुजरना पड़ता है। इसी कारण अब कुम्हार परिवार अपना पेशा को छोड़ इसका विकल्प ढूढ़ने में लगें है यदि सरकारी सहायता इन्हे प्राप्त हो साथ ही मिट्टी के बर्तन के उपयोग का लोगो के प्रति रुझान हो तो वे सम्भवता कुम्हारों का विकास सम्भव हो पायेगा।