झारखंड राज्य के बोकारो जिला से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से सुमंत कुमार बता रहे है ,कि एक जमाना था जब कुम्हारो के बने मिट्टी के बर्तन दीप, प्याला,घड़ा आदि की खरीदारी करने के लिए लोगों की लाइन लग जाती थी। लेकिन आज के समय में दूसरी बात देखने को मिल रहा है। कुम्हरो के द्वारा तैयार किये गए बर्तन से जहाँ हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है ,वहीँ हमारी अर्थव्यवस्थ को भी लाभ पहुँचत है। मिट्टी के बने बर्तन से पर्यावरण अनुकूल रहता है जिसका उपयोग कर पर्यावरण की रक्षा कर सकते है। क्योंकि मिट्टी में पोषक तत्वों की भरमार होती है। आज के युग में लोगो को आधुकनिकता को छोड़ कर अधिक से अधिक मिट्टी से बने बर्तन का उपयोग करें जिससे कुम्हारों की आर्थिक स्थिति ठीक हो साथ ही देश प्रगति की ओर बढ़ सके।