झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि राज्य में लगातार पेड़ों की कटाई के कारण जंगल नष्ट हो रहे हैं जिससे हाथियों का झुण्ड जंगलों को छोड़ भोजन की तलाश में अपना रुख गांव की तरफ़ मोड़ लेते हैं।गांव में प्रवेश करते हुए किसानों की फ़सलों को रोंद देते हैं जिससे किसानों को काफ़ी नुकसान हो जाता हैं।गांव के लोग हाथियों को खदेड़ने के लिए मसाल के प्रोग के साथ साथ एल.ई.डी को भी प्रोग में लाते हैं।हाथियों के उत्पात से जो भी नुकसान किसानों को होते हैं उनके मुआवज़े की घोषणा सरकार करती तो हैं परन्तु इसकी प्रक्रियाँ इतनी लम्बी रहती हैं कि गरीब किसान कभी कभी मुआवज़े के तौर पे मिलने वाली रक़म से वंचित रह जाते हैं। हाथियों के गांव में प्रवेश होने का मुख्य कारण वनों की हो रही धड़ाधड़ कटाई हैं। इसमें सबसे बड़ा हाथ इंसानों का ही हैं जो अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पेड़ों की कटाई कर रहे हैं और इसकी भरपाई हेतु पौधरोपण का विचार नहीं रखते।