झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से दहेज प्रथा का बहिष्कार करते हुए एक कविता प्रस्तुत की है जिसके बोल कुछ इस प्रकार हैं : "चाँद न बदला ,सूरज न बदला,बदल गया समाज...."