नमस्कार ,आदाब साथिओं,कैसे हैं आप सब..? बरसात के मौसम का आनंद चाय पकोड़ों के साथ ले रहे हैं न ?हम्म्म गरमा गरम प्याज, बेईगान, कद्दू, पालक या फिर मिली झूली सब्जियों के पकौड़े... हम्म्म पानी आ जाता है ना मूह मे? पर ज़रा ये बताइये कि पकोड़ों के लिए जब सब्जियाँ खरीदते हैं ,तो क्या किसानों की याद आती है ?जो अनगिनत चुनौतिओं को झेलते हुए हमारे लिए अनाज,सब्जियाँ,फल इत्यादि की खेती करते हैं। और जब बात हो रही है चुनौतियों की ,तो इस राज्यों मे किसानों के लिए अपर्याप्त सिंचाई व्यवस्था ही शायद सबसे बड़ी चुनौती है। बिलकुल सही समझा दोस्तों आपने ,इस सप्ताह हम जनता की रिपोर्ट चर्चा मंच पर बात करेंगे बारिश पर आश्रित हमारे कृषि क्षेत्रा के बारे मे. साथिओं चीन के बाद भारत ही वो दूसरा देश है जहाँ सिचाई की सब से अच्छा प्रबंध है पर फिर भी इस देश के कई ऐसे भाग है जहाँ के अधिकतर किसान सिचाई सुविधा के अभाव मे खेती करने के लिए बारिश पर निर्भरशील रहते हैं। ओर अगर बारिश समय से नही हुई तो सारा फसल बर्बाद! अब ऐसे मे किसान करे तो क्या करे? पर क्या इस समस्या से जूझने के लिए कोई ओर विकल्प है...?हालाँकि , एक जागरूक नागरिक होने के नाते आप को सिचाई से जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी होगी पर उन किसानों तक ये जानकारियाँ कहा तक पहुँच पाती है जिन्हे इनकी सब से ज़्यादा ज़रूरत है?सिचाई से जूझते हुए हमारे समाज ओर सरकारो ने खेती के कई ओर रूप विकसित किए है, जैसे की फल ओर फुलो की बाग़बानी, खेती के साथ साथ मछली पालन या मवेशी वा मुर्गी पालन पर क्या ये सब आजीविका के विकल्पो की जानकारी लोगो तक प्रभावी रूप से पहुँच पाई है? ओर अगर जानकारी पहुँची है तो क्या लोगो ने इन्हे स्वीकार किया है..? क्या आप के समुदाय मे लोगो ने ऐसे विकल्पो का स्वागत किया है? वैसे तो सिचाई प्रक्रिया काफ़ी आसान सीबरसात के मौसम का आनंद चाय पकोड़ों के साथ ले रहे हैं न ?हम्म्म गरमा गरम प्याज, बेईगान, कद्दू, पालक या फिर मिली झूली सब्जियों के पकौड़े... हम्म्म पानी आ जाता है ना मूह मे? पर ज़रा ये बताइये कि पकोड़ों के लिए जब सब्जियाँ खरीदते हैं ,तो क्या किसानों की याद आती है ?जो अनगिनत चुनौतिओं को झेलते हुए हमारे लिए अनाज,सब्जियाँ,फल इत्यादि की खेती करते हैं। और जब बात हो रही है चुनौतियों की ,तो इस राज्यों मे किसानों के लिए अपर्याप्त सिंचाई व्यवस्था ही शायद सबसे बड़ी चुनौती है। बिलकुल सही समझा दोस्तों आपने ,इस सप्ताह हम जनता की रिपोर्ट चर्चा मंच पर बात करेंगे बारिश पर आश्रित हमारे कृषि क्षेत्रा के बारे मे. साथिओं चीन के बाद भारत ही वो दूसरा देश है जहाँ सिचाई की सब से अच्छा प्रबंध है पर फिर भी इस देश के कई ऐसे भाग है जहाँ के अधिकतर किसान सिचाई सुविधा के अभाव मे खेती करने के लिए बारिश पर निर्भरशील रहते हैं। ओर अगर बारिश समय से नही हुई तो सारा फसल बर्बाद! अब ऐसे मे किसान करे तो क्या करे? पर क्या इस समस्या से जूझने के लिए कोई ओर विकल्प है...?हालाँकि , एक जागरूक नागरिक होने के नाते आप को सिचाई से जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी होगी पर उन किसानों तक ये जानकारियाँ कहा तक पहुँच पाती है जिन्हे इनकी सब से ज़्यादा ज़रूरत है?सिचाई से जूझते हुए हमारे समाज ओर सरकारो ने खेती के कई ओर रूप विकसित किए है, जैसे की फल ओर फुलो की बाग़बानी, खेती के साथ साथ मछली पालन या मवेशी वा मुर्गी पालन पर क्या ये सब आजीविका के विकल्पो की जानकारी लोगो तक प्रभावी रूप से पहुँच पाई है? ओर अगर जानकारी पहुँची है तो क्या लोगो ने इन्हे स्वीकार किया है..? क्या आप के समुदाय मे लोगो ने ऐसे विकल्पो का स्वागत किया है? वैसे तो सिचाई प्रक्रिया काफ़ी आसान सी प्रतीत होती है पर जब इसकी परिकल्पनाओं को सरकारी दफ़्तरो से गुज़रना पड़ता है तो काफ़ी समय लग जाता है परिकल्पना को सही दिशा देने मे. ओर सही दिशा मिलने के बाद काम शुरू होने ओर समाप्त होने के बीच समय का एक बड़ा फासला आ जाता है. ऐसे मे कामो का सही से क्रियान्वयन करने मे हमारे समुदाय की क्या भूमिका बनती है..? क्या आप ने कभी ऐसे किसी सामाजिक कार्यों मे योगदान दिया है जिससे आप के समुदाय मे किसी की सिचाई की समस्या का समाधान हुआ हो..? कैसा रहा आप का अनुभव? प्रतीत होती है पर जब इसकी परिकल्पनाओं को सरकारी दफ़्तरो से गुज़रना पड़ता है तो काफ़ी समय लग जाता है परिकल्पना को सही दिशा देने मे. ओर सही दिशा मिलने के बाद काम शुरू होने ओर समाप्त होने के बीच समय का एक बड़ा फासला आ जाता है. ऐसे मे कामो का सही से क्रियान्वयन करने मे हमारे समुदाय की क्या भूमिका बनती है..? क्या आप ने कभी ऐसे किसी सामाजिक कार्यों मे योगदान दिया है जिससे आप के समुदाय मे किसी की सिचाई की समस्या का समाधान हुआ हो..? कैसा रहा आप का अनुभव?