झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमारा प्रखंड से मदन लाल चौहान ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज से पन्द्र वर्ष पूर्व व्रजपात की घटनाएं संसार में बहुत कम देखने को मिलती थीं।परन्तु वर्तमान समय में इस प्रकार की घटनों में वृद्धि हो गई है।अगर विश्लेषण की जाये तो पाएंगे कि जहाँ पुराने ज़माने में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग बिलकुल न के बराबर था और लोग सामान्य दिन चर्या में मनोरंजन के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपभोग के साधनों पर निर्भर नही थे,वहीं वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं लोगों के जीवन का अभिन्न अंग है। वैज्ञानिकों द्वारा टेलीविज़न,मोबाइल इत्यादि को चलाने के लिए, आकाश में भेजा गया उपग्रह व्रजपात की घटनाओं को और ज़्यादा गति प्रदान करता है।यही नहीं बीन मौसम होने वाली बरसात, गर्जन व आकाशीय बिजली के साथ बारिश होना,ये सभी घटनाएं वैज्ञानिकों के क्रियाकलापों का ही परिणाम है।साथ ही मदन लाल चौहान जी ने व्रजपात से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए बताया कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को प्रयोग में नहीं लाना चाहिए और अगर दुर्भाग्यवश कोई व्यक्ति इसकी चपेट में आ जाए तो, प्राथमिक उपचार के रूप में गोबर की लेप लगाना चाहिए एवं अविलम्ब निकट के अस्पाल ले जाना चाहिए । साथ ही सरकार को वज्रपात के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं राहत पहुंचाने के उद्देश्य से आपदा प्रबंधन के तहत व्रजपात जैसी आपदा से निबटने हेतु, जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता हैं। जिससे लोग जागरूक हो एवं खुद को व्रजपात से सुरक्षित रख सके।वज्रपात से पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर,उनके परिजनों को दो लाख रूपये मुआवजा देने की बात भी की गई है।