झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के बाघमार प्रखंड से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बीरबल महतो जी बताते है कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता का अभाव देखा जाता है। इसका मुख्य वजह सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों में शिक्षा के प्रति उदासीन रवैया है।सरकारी विद्यालयों के शिक्षक अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में नामांकन करतें है। ताकि उनके बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सके। जब सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को अपने बच्चों के शिक्षा पर इतन अविश्वास है तो वे कैसे माध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकेंगे। अतः सरकार को इस विषय पर कड़ी करवाई करते हुए सरकारी शिक्षकों के ऊपर कोई ऐसा कानून बनाना चाहिए ताकि सरकारी स्कूल के शिक्षक भी अपने बच्चो को सरकारी विद्यालयों में पढायें।तब जा कर लोंगो को सरकारी विद्यालयों में विश्वास होगा और लोग अपने बच्चों को सरकरी विद्यालयों में अधिक से अधिक सांख्य में पढ़ायेंगे।