झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला के इचाक प्रखंड से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि धान की उपज को बढ़ाने के लिए किसानों को हमेशा वर्मी कम्पोस्ट खाद,केंचुआ खाद इत्यादि का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही जीन किसानों के घरों में गाय- भैंस अधिक मात्रा में होते हैं उन किसानों को वर्मी खाद एवं केंचुआ खाद बनाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। क्योंकि बाज़ार में केंचुआ खाद उपलब्ध नहीं होने के कारण मज़बूरी में किसानों को रासायनिक खाद का इस्तेमाल करना पड़ता है। अतः सरकार द्वारा पंचायत स्तर से किसानों के बीच केंचुआ खाद का वितरण किया जाना चाहिए, ताकि किसान इन खादों का इस्तेमाल कर उपज को बढ़ा सकें। तथा सिचाई की व्यवस्था करवानी चाहिए और बरसात के दिनों में तालाब बना कर पानी को इकट्ठा करना चाहिए। दूसरी तरफ टैंक बना कर भी पानी का संग्रह कर किसान अपने खेतों में इस्तेमाल कर प्रचुर मात्रा में धान की खेती कर सकते हैं। इस तरह के उपायों का इस्तेमाल कर किसान केवल धान का ही नहीं बल्कि अन्य फसलों का उपज भी बढ़ा सकते हैं और बाजार में बिक्री कर किसान आर्थिक रूप से शसक्त हो सकते हैं।