झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से कमलेश जयसवाल ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आधुनिक मानव के उदभव व उसके विकास की कहानी बीजों के संरक्षण व रखरखाव से सीधे रूप से जुडी है।मनुष्य को जीवित रखने के लिए अन्न आवश्यक है, जिसका उत्पादन बीजों के बिना असम्भव है।आज खेती के आधुनिकीकरण के कारण धान उत्पादन पूरी तरह बीज कम्पनियों पर निर्भर होते जा रहे हैं।साथ ही बीजों के रख-रखाव के लिए विविध प्रकार के रसायनों का प्रयोग कर रहे हैं ।इस वर्ष फिर से मानसून ने दस्तक दे दी है , किसान अब अपने अपने खेतो की जुताई में लग चुके है। स्थनीय किसान अब धान की खेती के लिए कमर कस चुके है। परन्तु धान की अधिकतम पैदावार कैसे किया जाए ,इस सम्बन्ध में कसमार टोला निवासी किसान बंशी धर महतो बताते है, की धान की परम्परागत बीज सर्वोत्तम था।इस बीज से खेती बहुत ही अच्छी होती थी, और किसानों को परेशनियों का सामना नहीं करना पड़ता था। इस सम्बन्ध में किसान सभा के दिवाकर महतो का कहना है अगर किसान भाइयों को सरकार के द्वारा खाद, बीज,दवा और आदि समय पर उपलब्ध करा दिया जाये तो अवश्य ही किसान धान का पैदावार बढ़ा सकते हैं।