झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला से जेएम रंगीला जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि दामोदर नदी पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में बहने वाली एक नदी है।दामोदर नदी पलामू जिले से निकलकर हजारीबाग, गिरीडीह, धनबाद होते हुए बंगाल में प्रवेश करती है।वर्षों से दामोदर नदी झारखण्ड के लोगों के लिए वरदान था। परन्तु प्रदूषण के कारण दामोदर नदी विषाक्त होती जा रही है।दामोदर नदी के प्रदूषण का खामियाजा पूरा झारखण्ड भुगत रहा है।सरकार के द्वारा स्वतंत्र भारत की प्रथम बहुद्देशीय परियोजना का विस्तार झारखण्ड और प.बंगाल में किया गया।संयुक्त राज्य अमेरिका की टेनेसी घाटी परियोजना, (1933) के आधार पर 1948 में इसका विकास किया गया.1948 से “DVC” दामोदर वैली कोपेरेशन की शुरुआत हुई.दामोदर नदी छोटानागपुर की पहाड़ियों से निकलकर प.बंगाल में हुगली नदी से मिल जाती है।इस परियोजना पर तिलैया, कोनार, मैथन, पंचेत बाँध बनाए गए.बोकारो, दुर्गापुर, चंद्र्पुआ, पतरातू में ताप बिजली गृहों का निर्माण किया गया। इस कारण दामोदर नदी कि निर्मल धार में इन कंपनीओं का विषैला पदार्थ प्रवाहित कर दिया गया।जिस कारण दामोदर नदी का जल प्रदूषित हो कर विषाक्त हो गई । लोग दामोदर नदी से पानी नहीं लें पा रहे है।क्योंकि हानिकारक विषैला पदार्थ मिल जाने से कई बड़ी -बड़ी बीमारियां से लोग ग्रसित हो रहे हैं, और कई लोंगो की जाने भी इस दूषित पानी को पिने और नहने से चली जा रही है।