झारखंड राज्य के बोकारो ज़िला के कसमार प्रखंड से कमलेश जायसवाल मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताते हैं, कि झारखंड प्रदेश की जीवनदायनी नदी है दामोदर। इसकी देख रेख ,संरक्षण की अनुकूल व्यवस्था होनी चाहिए। दामोदर नदी को प्रदूषित करने वाले सभी कारको पर सरकार की नजर होनी चाहिए। इस नदी के दोनों ओर कोयले का भंडार है, जहाँ उत्खन्न एवं साफ-सफ़ाई के दौरान कोयले का मलबा सीधे दामोदर नदी में बहा दिया जाता है। इसे रोकने के लिए सरकार को कोई कठोर कदम उठाना चाहिए। दामोदर नदी के आस-पास बसे छोटे-बड़े शहर के साथ किरसालय के अवशिष सहित आबादी वाले क्षेत्र का कूड़ा-कचड़ा मलबा को फेंकने के लिए कोई ठोस प्रबन्ध किया जाए। जिससे नदी को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। साथ ही सरकार डीप बोरिंग पर अविलम्ब रोक लगाए, जिससे दामोदर नदी का जल श्रोत के साथ-साथ पुरे क्षेत्र का जल बच सके।क्योंकि डीप बोरिंग के कारण जल का श्रोत काफी घटता जा रहा है। इसके बचाव के लिए लोग डीप बोरिंग की जगह नलकूप,तालाब तथा डैम का निर्माण करे। साथ ही मिट्टी कटाव को रोकने हेतु नदी के दोनों तरफ फलदार इमारती पेड़-पौधे लगाए जाएं। जिससे बरसात के समय तेज गति से पानी बहाव से मिट्टी कटाव एवं छरण को प्रतिकूल रोका जा सके । साथ ही पेड़-पौधे लगने से उसमे जीव-जन्तुओं का बसेरा होगा तथा स्वच्छ पर्यावरण होने से हमारा जीवन समृद्ध होगा।