झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से जयराम बाबा ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि दामोदर नदी जीवनदायनी नदी थी।दामोदर नदी झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र से निकलकर पश्चिमी बंगाल में पहुँचती है। इस नदी से ग्रामीण जन अपना रोजमर्रा के पिने खाने और अपनी निजी जीवन के लिए पानी लेतें है।परन्तु आज कोल इण्डिया की सहायक कम्पनियों - सीसीएल, बीसीसीएल, बोकारो थर्मल, पावर प्लांट, बोकारो स्टील प्लांट और झारखण्ड सरकार की कम्पनियाँ पतरातु थर्मल एवं चंद्रपुरा थर्मल पावर प्लांट द्वारा दामोदर का भीषण प्रदूषण हो रहा है।ग्रामीण जन का कहना है की एक समय यह नदी शुद्ध और पानी की निर्मल धार लिए रहती थी। परन्तु कंपनियों के प्रदूषण से दामोदर नदी कि स्थिति दयनीय हो गई है।दामोदर नदी के प्रदूषित होने से ग्रामीण जनों को अब पानी की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है।ग्रामीणों का कहना है कि दमोदर नदी की ऐसी स्थिति हम लोगो से देखी नहीं जाती। दामोदर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सरकार के द्वारा कई योजनएं निकली गई। परन्तु इन योजनाओं का कोई लाभ नहीं हूआ।