झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से सुमंत कुमार जी ने गरूकुल शिक्षा पर आधरित कविता प्रस्तुत किए हैं।उस कविता के माध्यम से उन्होंने बताया कि गरूकुल शिक्षा प्रणली गुणवत्तपूर्ण शिक्षा प्रणली थी,और भारत कि वैदिक शिक्षा प्रणाली थी।गरूकुल शिक्षा निशुल्क शिक्षा प्रणाली थी।जहाँ विद्यार्थी आश्रम में गुरु के साथ रहकर विद्याध्ययन करते थे, जहाँ विशेषज्ञों द्वारा शिक्षा दी जाती थी,जहाँ बड़े-बड़े सम्मेलन होते थे और सभाओं तथा प्रवचन होते थे।गुरुकुल शिक्षा प्रणाली में अध्यतम शिक्षा का ज्ञान करवया जाता था। इस शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थीयों को अनुशासन और किसी से भेदभव नहीं रखने का पाठ पढ़ाया जाता था। अब भारत की शिक्षा व्यवस्था बदल गई है। भारत के शिक्षा पश्चिमी शिक्षा हो गई है। पश्चिमी शिक्षा से भारत के लिए हनिकारक हो गई है। पश्चिमी शिक्षा से लोग केवल अपने बारे सोचने लगे हैं।