झारखंड राज्य के धनबाद ज़िला के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताते हैं, कि नोटबंदी के समय कलाधन निकालने के लिए, लिया गया फैसला कुछ हद तक तो ठीक थी। परन्तु आज नोटबंदी के लगभग बीस बाईस माह बीत जाने के बाद भी लोगों को नकदी की समस्या हो रही है। बैंक एवं एटीएम में पैसे नहीं रहने के कारण लोग हताश महसूस कर रहे हैं। कहीं लोग अपनी बेटी की शादी तो, कहीं लोग किसी गंभीर बीमारी,कई लोग अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा देने के लिए अच्छे विद्यालय में दाख़िला के लिए या अन्य कार्यों के लिए रूपए की जरुरत हो रही है। परन्तु बैंक के द्वारा कभी-कभी नकदी की समस्या सरकार की अर्थ व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा दे रही है। आज जनता नकदी के बीना काफी परेशान हो कर सरकार को दोष दे रहे हैं। जबकि इसका मुख्य कारण जनप्रतिनिधि,सांसद,विधायक तथा मंत्री हैं। इनके पास सबसे अधिक अनगिनत रूपए होते हैं।ये लोग चुनाव से पहले अपने पास पैसों को छुपा कर रखते हैं और चुनाव के समय भोले-भाले तथा कुछ ना समझ लोगों को पैसे देकर चुनाव जीत जाते हैं। अतः भविष्य में नकदी की समस्या ना हो इसके लिए केंद्र सरकार प्रत्येक जनप्रतिनिधि,सांसद,विधायक एवं मंत्री के कार्यों का लेखा जोखा समय-समय पर जाँच करते रहें ताकि भविष्य में नकदी की समस्या उत्पन्न ना हो।