झारखंड राज्य के बोकारो ज़िला के नावाडीह प्रखंड से जे एम् रंगीला झारखंड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि झारखंड में कुल चौबीस जिले हैं। कुछ जिलों में ही लाह की खेती व्यवसायिक स्तर पर होती है। उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में हज़ारीबाग,रामगढ़, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद आदि जिले पड़ते हैं। पर किसी भी ज़िला में लाह की खेती नहीं होती है। इन जिलों में अधिकांश लाह की खेती के लिए उपयुक्त पलास पेड़ प्रचुर मात्रा में मौजूद है। परन्तु कृषि विभाग ,झारखंड सरकार की उदासीनता की वजह से कही किसान लाह की खेती नहीं करते। झारखंड की राजधानी में लाह अनुसंधान केंद्र स्थापित है। केंद्र के क्रियाकलाप भी सीमित क्षेत्रों में संचालित की जा रही है। यदि लाह अनुसंधान केंद्र का राज्य कृषि विभाग उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल क्षेत्र में अपनी गतिविधियाँ संचालित करे, तो पश्चिमी खेती करने वाले किसानों के बीच जागरूकता के लिए कार्यशाला, खेती करने के तकनीक आदि का प्रचार प्रसार करे तो निस्संदेह उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल क्षेत्रों के किसान इसकी खेती कर अच्छी आमदनी क्र आत्मनिर्भर हो सकते हैं।